जिला बीजापुर बस्तर।।
बीजापुर बस्तर पर्यटन स्थल।।

दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं।।
जिला बीजापुर बस्तरके बारे में
उससे पहले हम जानते हैं बीजापुर के बारे में
छत्तीसगढ़ राज्य के एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण जिला बीजापुर के बारे में जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक रीति रिवाज के लिए जाना जाता है। बीजापुर जिला बस्तर संभाग के अंतर्गत आता है जो कुछ साल पहले दंतेवाड़ा जिला का एक प्रमुख हिस्सा हुआ करता था। अर्थात इसका गठन 1 मई सन 2000 को दंतेवाड़ा जिला से अलग करके एक स्वतंत्र जिले के रूप में किया गया।इस जिले की भौगोलिक स्थिति के बारे में बात करें तो यह जिला छत्तीसगढ़ राज्य के दक्षिणी हिस्से में इंद्रावती नदी के किनारे बसा हुआ है। यह चारों ओर से घने जंगलों और पहाड़ों से आच्छादित है
जिसमें कई तरह के जंगली जानवर और पक्षी पाए जाते हैं। यदि छत्तीसगढ़ के सड़कों पर चलते हुए ज्यादातर सीजी 20 के 28 नंबर प्लेट वाली गाड़ियां देख जाए तो समझ जाइएगा कि आप छत्तीसगढ़ के रहस्यमय शहर बीजापुर में प्रवेश कर चुके हैं। विशेषताएंयह जिल अपने कई सारे जिलों और पड़ोसी राज्यों के साथ अपनी सीमाएं साझा करता है।
शैक्षणिक दृष्टिकोण से बीजापुर काफी पिछड़ा हुआ जिला माना जाता है क्योंकि यहां करंट लिटरेसी रेट महज 41% का है। और आइए अब जरा हम बीजापुर के खानपान की बात कर लेते हैं। तो यदि आप कभी बीजापुर जिले की यात्रा पर आएं तो आप यहां का प्रसिद्ध अनरसा और खुर्मी मिठाई जरूर ट्राई करें। अनरसा यहां की काफी लोकप्रिय मिठाई है जिसे चावल के आटे और खोया के साथ बनाया जाता है।इस शहर की मुख्य अर्थव्यवस्था की बात करें तो यहां की मुख्य अर्थव्यवस्था और आय का स्रोत कृषि और खनन संसाधनों पर निर्भर करता है।
इसके दक्षिण में तेलंगाना राज्य, पश्चिम में महाराष्ट्र राज्य, उत्तर में नारायणपुर जिला और पूरब में सुकमा जिला लगता है। दोस्तों बीजापुर वर्तमान में अपने खनीज संसाधनों के लिए भी जाना जाता है। यहां की धरती से तांबे का खनन भी भारी मात्रा में किया जाता है।लगभग 6562 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैले हुए बीजापुर की वर्तमान जनसंख्या लगभग 5 लाख लोगों की है। साथ ही इस जिले में आदिवासी समुदाय के लोग बहुतायत संख्या में देखने को मिलते हैं। वहीं इस जिले के लिंगानुपात यानी कि सेक्स रेशियो की बात करें तो इस जिले में प्रति 1000 पुरुषों पर तकरीबन 982 महिलाएं पाई जाती हैं।
जिले के अधिकांश लोग खेती करके अपना जीवन यापन करते हैं। यहां पर मुख्य रूप से कपास की खेती भरपूर मात्रा में की जाती है जिससे यह जिला छत्तीसगढ़ राज्य में सबसे अधिक कपास का उत्पादन करता है।प्रशासनिक रूप से बीजापुर से इस जिले में टोटल चार तहसीलें हैं जिनमें उसरू, बीजापुर, भैरमगढ़ और गोपालपटनम शामिल हैं। आवागमन की बात करें तो बीजापुर जिला बस सड़क मार्ग के द्वारा बाकी भारत से जुड़ा हुआ है।
बाकी अभी तक यहां पर रेल सेवा उपलब्ध नहीं है। हालांकि यहां का सबसे करीबी रेलवे स्टेशन दंतेवाड़ा में मौजूद है जो ईस्ट कोस्ट रेलवे जन के अंतर्गत आता है। यहां से रोजाना कई लोकल और एक्सप्रेस ट्रेनें गुजरती हैं।वहीं बीजापुर से होकर नेशनल हाईवे संख्या 63 गुजरती है जो आगे चलते हुए जगदलपुर शहर से होते हुए निजामाबाद शहर तक जाती है। ये एक फोर लेन की बेहतरीन सड़क है।
और आइए दोस्तों अब जान लेते हैं इस जिले में घूमने फिरने योग्य कुछ प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में जो इस जिले की खूबसूरती में चार चांद लगाती हैं।तो यहां पर आप इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान, महादेव घाट, लंका पली, सकल नारायण गुफा और चिकट राज जैसी ऐतिहासिक स्थलों पर घूम सकते हैं। तो दोस्तों बीजापुर से जुड़ी यह जानकारी आपको कैसी लगी हमें कमेंट में जरूर बताइएगा। अथवा आज का हमारा यह वीडियो देखने के लिए आप सभी का तहे दिल से धन्यवाद |
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बीजापुर जिला छत्तीसगढ़ इतिहास
बीजापुर बस्तर पर्यटन स्थल
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बीजापुर जिला की जनसंख्या 2025
बीजापुर बस्तर आदिवासी संस्कृति
बीजापुर जिला के स्कूल और कॉलेज
बीजापुर जिला में नक्सली गतिविधियां
बीजापुर के मेले और त्योहार
बीजापुर जिला प्रशासनिक जानकारी
बीजापुर छत्तीसगढ़ का मौसम और भौगोलिक स्थिति
बीजापुर जिला – बस्तर की धरती का अद्वितीय रत्न
बीजापुर, छत्तीसगढ़ राज्य के दक्षिणी हिस्से में स्थित एक महत्वपूर्ण जिला है, जो बस्तर क्षेत्र का अभिन्न अंग है। यह जिला अपनी प्राकृतिक सुंदरता, आदिवासी संस्कृति, घने जंगलों, और खूबसूरत जलप्रपातों के लिए प्रसिद्ध है। बीजापुर की सीमाएं तेलंगाना और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से लगती हैं, जिससे यह भौगोलिक रूप से भी एक रणनीतिक स्थान बनाता है।
ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि
बीजापुर कभी बस्तर रियासत का हिस्सा था और आज भी यहां की संस्कृति में आदिवासी परंपराओं की गहराई दिखाई देती है। यहां मुख्यतः गोंड, मुरिया, हल्बा, और डोरला जैसे जनजातीय समुदाय रहते हैं। बीजापुर के पर्व और उत्सव, जैसे कि गोनचा, मड़ई, और दशहरा, सांस्कृतिक समृद्धि का परिचय देते हैं।
प्रकृति और पर्यटन
बीजापुर जिला घने जंगलों, नदियों और पहाड़ियों से घिरा हुआ है, जो इसे एक अद्वितीय प्राकृतिक पर्यटक स्थल बनाते हैं। यहाँ के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल हैं:
इंद्रावती नदी – जिले की जीवनरेखा, जो खेती और जल स्रोत का प्रमुख आधार है।
कट्टेकल जलप्रपात – एक खूबसूरत और शांत स्थल जो पर्यटकों को आकर्षित करता है।
अभयारण्यों और वन क्षेत्र – बीजापुर वन्यजीवों का प्राकृतिक आवास है, जहाँ बाघ, भालू, जंगली सुअर, चीतल आदि पाए जाते हैं।
विकास और चुनौतियाँ
बीजापुर जिला एक ओर तो अपनी प्राकृतिक संपदाओं से समृद्ध है, लेकिन दूसरी ओर यह विकास और सुरक्षा चुनौतियों से भी जूझ रहा है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण यहां की सुरक्षा स्थिति अक्सर संवेदनशील रहती है। हालांकि, राज्य सरकार और केंद्र सरकार मिलकर यहां सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।
वन धन योजना, आदिवासी कल्याण कार्यक्रम, और बस्तर नेट योजना जैसे कई सरकारी प्रोजेक्ट्स बीजापुर में लागू किए जा रहे हैं ताकि आदिवासी समुदायों को मुख्यधारा से जोड़ा जा सके।
शिक्षा और जनजीवन
बीजापुर में अभी भी शिक्षा के क्षेत्र में काफी सुधार की आवश्यकता है। हालाँकि, ई-विद्या, मोबाइल स्कूल, और अन्य पहल से शिक्षा का स्तर धीरे-धीरे बढ़ रहा है। जनसंख्या का अधिकांश हिस्सा कृषि, वनोपज संग्रह और सरकारी योजनाओं पर निर्भर है।
निष्कर्ष
बीजापुर, बस्तर की धरती का वह कोना है जहाँ प्रकृति, परंपरा और संघर्ष का अद्भुत समन्वय है। यह जिला विकास की ओर बढ़ रहा है, और आने वाले समय में यह छत्तीसगढ़ की शान बन सकता है। यदि आप सच्चे भारत को देखना चाहते हैं, तो एक बार बीजापुर जरूर आइए।
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