बिलासपुर

बिलासपुर

नमस्कार दोस्तों! क्या आप जानते हैं कि छत्तीसगढ़ का बिलासपुर न्यायधानी के नाम से क्यों मशहूर है? इसके नाम के पीछे की क्या कहानी है और वर्तमान में इसकी क्या कुछ विशेषताएं हैं?


एक संक्षिप्त परिचय

दोस्तों, बिलासपुर अर्पा नदी के किनारे बसा हुआ प्रशासनिक सुविधाओं के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। बिलासपुर ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक रूप से काफी ज्यादा मायने रखता है। यह शहर अपने ऐतिहासिक स्थलों, चावल की खेती और अपने कोसा रेशम की साड़ियों के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। यह शहर बिलासपुर जिले और संभाग का मुख्यालय भी है जो राज्य में सबसे ज्यादा जिलों वाला संभाग है।


नामकरण और इतिहास

इसके इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि यह इलाका मुख्य रूप से मछुआरों की बस्ती था, जहां कभी रतनपुर के कलचुरी राजवंश का शासन चलता था। हालांकि, इस शहर ने ज्यादा प्रसिद्धि मराठा शासनकाल के दौरान प्राप्त की थी। इस शहर का नामकरण बिलासा बाई केंवटिन नामक एक मछुआरे समुदाय की महिला के नाम पर किया गया है। बिलासा बाई केंवटिन का जिक्र 1902 के गजेटियर में भी मिलता है।

ऐसा कहा जाता है कि इस महिला ने शिकार पर आए राजा रत्न सिंह की जान बचाई थी, जिससे खुश होकर उन्होंने पूरा क्षेत्र उनके नाम कर दिया। यहां लोग बिलासा को देवी के रूप में पूजते हैं और पचरी घाट में उनकी समाधि भी बनी हुई है।


भूगोल और जनसांख्यिकी

बात करें वर्तमान क्षेत्रफल की तो बिलासपुर का मेट्रो एरिया करीब 305 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करता है। वहीं नगर निगम सिटी एरिया 205 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है, जहां वर्तमान में लगभग 9 लाख के करीब लोग निवास करते हैं, जो भारत में 50वें और छत्तीसगढ़ राज्य में तीसरे स्थान पर आता है। यहां का लिंगानुपात प्रति 1000 पुरुषों पर 977 महिलाओं की है और यहां की प्रत्येक आबादी 3750 प्रति वर्ग किलोमीटर पर रहती है। साक्षरता दर इस शहर के करीब 91% है। यहां ज्यादातर लोग छत्तीसगढ़ी भाषा में बात करते हैं।


अर्थव्यवस्था और उद्योग

बिलासपुर की अर्थव्यवस्था पर गौर करें तो इस शहर की गिनती राज्य के बड़े व्यवसायिक केंद्रों में होती है। यहां भारत का दूसरा सबसे बड़ा एनटीपीसी पावर प्लांट के साथ ही कोल इंडिया की सहायक कंपनी एसईसीएल का भी सेंटर है। बिलासपुर में राज्य का सबसे बड़ा माचिस और पेपर उद्योग है। इसके अलावा कई मध्यम और लघु उद्योग भी हैं जो अनेकों लोगों को रोजगार प्रदान कर रहे हैं। कृषि की बात करें तो बिलासपुर में मुख्य रूप से धान की खेती होती है।


बिलासपुर: शिक्षा और परिवहन

बिलासपुर में राज्य का एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय गुरु घासीदास विश्वविद्यालय मौजूद है। इसके साथ ही यहां राज्य का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन और सबसे बड़ा रेलवे जोन भी है, जो भारत का तीसरा सबसे साफ-सुथरा रेलवे स्टेशन है और इस स्टेशन में भारत का पांचवां सबसे लंबा रेलवे प्लेटफॉर्म भी है। छत्तीसगढ़ का पहला हाईटेक बस स्टैंड बिलासपुर के तिफरा में ही स्थित है।


बिलासपुर: न्यायधानी और पर्यटन

बात करें न्यायधानी नाम की तो यहां एशिया का सबसे बड़ा उच्च न्यायालय स्थित है। यह क्षेत्र 450 वर्ष पुराना माना जाता है, जो संस्कृति के विभिन्न रंगों के साथ ही अपने हथकरघा और दुबराज चावल की एक वैरायटी के लिए अलग पहचान रखता है। बिलासपुर मध्य भारत का एकमात्र ऐसा शहर है जहां से वंदे भारत की शुरुआत हुई है। राज्य में सबसे पहले इसी शहर को नगरपालिका का दर्जा भी मिला था।

बिलासपुर का पर्यटन भी खूब लोगों को भाता है। वर्तमान में यहां के अतीत से जुड़े स्थलों को किले और मंदिरों के अवशेषों के रूप में देखा जा सकता है। बिलासपुर भ्रमण की शुरुआत आप यहां के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल अचानकमार वन्यजीव अभ्यारण्य की रोमांचक सैर से कर सकते हैं। लगभग 555 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला यह अभ्यारण्य विभिन्न वनस्पतियों और जीव जंतुओं को सुरक्षित आश्रय प्रदान करता है। इसके साथ ही आप यहां ऐतिहासिक स्थल रतनपुर, मल्हार, दार्शनिक स्थल महामाया मंदिर, खूंटाघाट, मां मीरा माई मंदिर, वंडर वर्ल्ड, कानन पिंडारी और ताला गांव आदि भी घूम सकते हैं।


यात्रा सुविधाएँ

अब अगर आप भी बिलासपुर की सैर करना चाहते हैं तो आप यहां रेल, सड़क या हवाई किसी भी मार्ग के जरिए पहुंच सकते हैं। यहां का निकटतम हवाई अड्डा बिलासा बाई केंवटिन हवाई अड्डा है जो शहर से लगभग 11 किलोमीटर दूर चकरभाटा में स्थित है। ट्रेन के आने के लिए आप बिलासपुर रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं। इसके अलावा आप सड़क से NH 130, NH 45 और NH 49 की सहायता से भी यहां पहुंच सकते हैं। यहां का आरटीओ कोड CG 10 है जो आपको स्थानीय गाड़ियों पर दिख जाएगा।

आज के लिए बस इतना ही दोस्तों। नमस्कार, जय हिंद।


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