
नमस्कार दोस्तों! क्या आप जानते हैं कि छत्तीसगढ़ ही वह क्षेत्र है जिसे दक्षिण कौशल के नाम से जाना जाता था? इसका उल्लेख रामायण और महाभारत दोनों में ही मिलता है। इसका शहर रायपुर फिलहाल राजधानी क्षेत्र है, जो ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस शहर की कई खासियतें हैं जो इसे आज भी विश्व पटल पर एक खास पहचान देती हैं। तो आइए, इस शहर से जुड़ी सभी जानकारियों को इस blog में देखें।
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रायपुर: एक ऐतिहासिक और आधुनिक शहर
दोस्तों, रायपुर भारत के सबसे पुराने शहरों में से एक है। इस शहर के उत्पत्ति का पता उस समय से लगाया जा सकता है जब भारतीय उपमहाद्वीप में कई अन्य प्राचीन शहर अस्तित्व में नहीं आए थे। पहले रायपुर कनकपुर, हाटक, पुंब पुप, और खल वाटिका जैसे नामों से जाना जाता था। इस प्राचीन शहर के बारे में एक और कहानी मशहूर है। ऐसा कहा जाता है कि राजा रामचंद्र के पुत्र ब्रह्मदेव राय ने रायपुर की स्थापना की थी। उनकी राजधानी खिलाड़ी थी। नवनिर्मित शहर का नाम ब्रह्मदेव राय के नाम पर ही रायपुर रखा गया।
मौजूदा समय में यह शहर खारून नदी के किनारे स्थित है, जो कुल 226 स्क्वायर किलोमीटर में फैला हुआ है। 18 लाख 27 हजार आबादी के साथ यह भारत का 33वां सबसे बड़ा शहर है। इस शहर को छत्तीसगढ़ की शिक्षा नगरी भी कहा जाता है। यहां 87% लोग पढ़े-लिखे वर्ग में आते हैं। यहां 1000 पुरुषों पर 946 महिलाओं की लिंगानुपात पाई जाती है। शहर में ज्यादातर लोग छत्तीसगढ़ी भाषा बोलते हैं, लेकिन हिंदी और अन्य भाषाएं भी यहां बोली जाती हैं।
रायपुर की खासियतें
दोस्तों, राजधानी रायपुर भारत के 100 स्मार्ट शहरों में से एक है। यह भारत के सबसे बड़े शहरों में से एक है। यह शहर इंदौर के बाद मध्य भारत का सबसे बड़ा फ्री वाई-फाई नेटवर्क वाला महानगर है। यहां पर दुनिया का चौथा सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम है जहां लगभग 65,000 लोगों के बैठने की क्षमता है। साथ ही यहां एशिया का सबसे बड़ा मानव निर्मित नंदनवन जंगल सफारी भी है, जहां जाकर आप जंगली जानवरों को देख अपनी रायपुर की यात्रा को और शानदार बना सकते हैं।
वैसे दोस्तों, रायपुर भारत के 10 सबसे साफ-सुथरे शहरों में से छठा सबसे साफ शहर है, जिसे भारत में सातवां रहने लायक सबसे अच्छा शहर माना गया है। रायपुर शहर को द सिटी ऑफ फ्लाई के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यहां राज्य में सबसे ज्यादा फ्लाईओवर पाए जाते हैं। रायपुर महानगर से कुछ ही दूरी पर स्थित अटल नगर जो भारत की पहली इंटीग्रेटेड सिटी है, जिसे छत्तीसगढ़ की नई राजधानी के रूप में विकसित किया जा रहा है।
अर्थव्यवस्था और उद्योग
इस शहर की अर्थव्यवस्था ज्यादातर उद्योगों से आती है। यह शहर व्यापार के लिए देश के सबसे अच्छे शहरों में से एक है। यह देश में स्टील एवं लोहे के बड़े बाजारों में गिना जाता है। लगभग यहां 200 स्टील रोलिंग मिल, 195 स्पंज आयरन प्लांट, कम से कम छह स्टील प्लांट, 60 प्लाईवुड कारखाने, 35 फेरो एलय प्लांट और 500 कृषि उद्योग हैं। रायपुर के बाहरी इलाकों में किसान ज्यादातर धान की खेती करते हैं, जिसके कारण रायपुर की अर्थव्यवस्था में कृषि का भी एक बड़ा योगदान है।
खानपान और त्यौहार
यह शहर शहर का खानपान और त्यौहार बेहद ही खास है। यहां सभी प्रकार के पकवान आपको खाने को मिल जाएंगे। साथ ही यहां छत्तीसगढ़ के पारंपरिक त्यौहारों को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यहां लगने वाला महादेव घाट मेला काफी प्रसिद्ध है।
अद्वितीय विशेषताएं और पर्यटन
यहां खारून और महानदी जैसी बड़ी नदियां बहती हैं। साथ ही यहां विश्व की एकमात्र नगर घड़ी भी स्थित है जहां छत्तीसगढ़ की 24 लोक धुन हर घंटे बजती रहती है। इसके अलावा रायपुर में ही भारत का सबसे सर्वश्रेष्ठ ट्रांसपोर्ट नगर भी स्थित है जहां 3000 से भी ज्यादा ट्रकों को एक साथ पार्क किया जा सकता है।
यह शहर पर्यटन के मामले में भी पीछे नहीं है। लोग यहां दूर-दूर से घूमने आते हैं और इस प्राचीन शहर की शिल्प और वास्तुकला की तस्वीरें अपने साथ ले जाते हैं, क्योंकि रायपुर कभी कौशल का हिस्सा था और लंबे समय तक मौर्य साम्राज्य के अधीन था, इसलिए यहां पारंपरिक किलों का अस्तित्व और खंडहर देखने को मिलता है।
यहां के स्वामी विवेकानंद सरोवर में आपको पर्यटन के लिए शांत वातावरण का अनुभव होगा, तो वही नंदन वन चिड़ियाघर में वन्यजीवों की एक विशाल विविधता है, जिसका एक मुख्य लक्ष्य जानवरों की सुरक्षा और संरक्षण है।
इसके अलावा आप यहां केवलिया धाम, पुरखौती मुक्तांगन, महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय, घटारानी झरना, बंजारी माता मंदिर और जतमई मंदिर भी देख सकते हैं जो शांति, प्रकृति, पाक कला और संस्कृति के आदर्श संलयन को प्रदर्शित करती है। इसके साथ ही आप रायपुर के कुछ ही किलोमीटर दूर राजीव लोचन मंदिर और गंगरेल बांध को भी देखने जा सकते हैं।
परिवहन
अब अगर आप भी इस शहर को और करीब से देखना चाहते हैं तो रायपुर पहुंचने के लिए कई रास्ते हैं। ट्रेन से अगर आप यात्रा करना चाहते हैं तो रायपुर रेलवे स्टेशन यहां का मुख्य रेलवे स्टेशन है। यह भारत के सबसे पुराने और व्यस्ततम रेलवे स्टेशनों में से एक है। इसके अलावा आप हवाई मार्ग से भी यहां पहुंच सकते हैं, जिसके लिए आप स्वामी विवेकानंद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए उड़ान भर सकते हैं।
यह हवाई अड्डा रायपुर शहर से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सड़क मार्ग के जरिए भी रायपुर आसानी से पहुंचा जा सकता है। स्थानीय परिवहन के अलावा अपनी गाड़ी या अन्य किसी वाहन से राष्ट्रीय राजमार्ग 130 की सहायता से यहां आ सकते हैं। इस शहर का आरटीओ कोड है CG 04।
तो दोस्तों, आज के लिए बस इतना ही। फिर मिलेंगे एक नए blog के साथ ढेर सारी नई जानकारियां लेकर। तब तक जय हिंद, नमस्कार।